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लिंक हॉस्पिटल के एनआईसीयू इंचार्ज डॉ. अतुल गोस्वामी एवं उनकी टीम, यूँ तो हमेशा से ही कई पेरेंट्स के चेहरे पर उनकी खोई हुई ख़ुशियाँ लौटाती रही है। पर बेबी ऑफ़ पूजा उपाध्याय का, यह केस अत्यधिक जटिल होने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी बहुत संवेदनशील है।  क्योंकि यह बच्चा एक दिव्यांग दंपत्ति का है | बच्चे के पिता नेत्रहीन हैं एवं उसकी माँ के दोनों पैर पोलियो से ग्रसित हैं। पर जटिलताएँ यहाँ ख़त्म नहीं होतीं। दंपत्ति अपने घर किलकारी गूंजने का इंतज़ार कर रही थी एवं प्रसव की अपेक्षित तिथि मार्च 2024 के पहले हफ्ते की थी, लेकिन किन्हीं कारणों से 9 दिसम्बर २०२३ को ही आपातकालीन स्थिति में माँ की प्रीमेच्योर डिलीवरी करवाना पड़ी।


जन्म के समय नवजात केवल 27 सप्ताह का था एवं उसका वज़न सिर्फ 800 ग्राम था, जो सामान्य वज़न से काफी कम है (सामान्य गर्भकाल 40 सप्ताह होता है एवं जन्म के समय बच्चे का सामान्य वज़न 2.5 किलोग्राम होना चाहिए)। क्योंकि नवजात का जन्म समय से काफी पहले हो गया, इस वजह से यह बहुत कमज़ोर था और नवजात को सांस लेने में बहुत तक़लीफ हो रही थी। अतः बच्चे को डॉ. अतुल गोस्वामी  की देख-रेख में लिंक हॉस्पिटल के एनआईसीयू में वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। प्रीमेच्योर होने की वजह से बच्चे के फेफड़े बहुत कमज़ोर थे, अतः बच्चे के फेफड़ों में दो बार सरफेक्टेंट इंजेक्शन डालना पड़ा, जिससे बच्चे के फेफड़ों में काफी सुधार हुआ। बच्चे का दिमाग़, ह्रदय, पेट एवं आंतें सभी बहुत कमज़ोर (प्रीमेच्योर) थीं, और भी कई तरह की दिक्कतें थीं। ऐसे में पूरी एनआईसीयू टीम कड़ी मेहनत और सटीक उपचार के साथ बच्चे की सही देख-रेख में डंटी रही।


बच्चे की कई बार जाँचें कराई गईं हैं, जिनमें डॉक्टर्स और स्टाफ के कड़े प्रयासों की वजह से अत्यधिक सुधार देखने को मिला। डिस्चार्ज के समय बच्चे का वज़न 2 किलोग्राम था एवं आज की तारीख़ में बच्चे का वज़न 6 किलो 200 ग्राम है। इससे बच्चे के परिजन, डॉक्टर्स एवं स्टाफ सभी बहुत ख़ुश हैं।

बच्चे के माता-पिता की उम्मीदें टूटने से बच गईं एवं फिर से उनके और उनके परिजनों के चेहरे पर हँसी लौट आई।    


इस प्रकार की जटिलताओं के साथ जन्म लेने वाले बच्चों को भी यदि उचित उपचार और देख- रेख मिले, तो इन बच्चों को बचाना भी अब संभव है। ज़रूरत है, तो बस सही समय पर, सही जानकारी मिलने एवं सही जगह पहुँचने की। और हमारे लिए सबसे अच्छी बात यह है, कि ये सही जगह हमारे शहर में ही लिंक हॉस्पिटल में उपलब्ध है।

 

तो पेरेंट्स, लिंक है ना !  

  • Client
    Pooja Upadhyay

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