स्थान: लिंक हॉस्पिटल, ग्वालियर
मरीज़ विवरण:
उम्र: 50 वर्ष
लिंग: महिला
मरीज पिछले 2 वर्षों से गंभीर रूप से चलने में कठिनाई (गैट एटेक्सिया) और धड़ में अस्थिरता
(ट्रंकल एटेक्सिया) के साथ संघर्ष कर रही थीं। इसके साथ ही, उन्हे बाईं ओर हेमीपारेसिस
(अर्धांग पक्षाघात) भी हो रहा था, जो धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा था।
चिकित्सीय जांच और निदान:
जब मरीज को लिंक हॉस्पिटल,
ग्वालियर में प्रस्तुत किया गया, तो उनके लक्षणों को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत
एमआरआई स्कैन किया गया। एमआरआई रिपोर्ट ने मस्तिष्क के चौथे वेंट्रिकल में एक एपिडर्मॉइड
ट्यूमर की पुष्टि की, जो उनके चलने में कठिनाई और बाईं ओर कमजोरी का कारण था। यह ट्यूमर
धीरे-धीरे तंत्रिका तंत्र पर दबाव डाल रहा था, जिससे उसकी स्थिति और बिगड़ती जा रही
थी।
उपचार:
मरीज की गंभीर स्थिति को
ध्यान में रखते हुए, डॉ प्रशांत राज सिंह ने
त्वरित ऑपरेशन का निर्णय लिया। ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालने के लिए माइक्रोसर्जरी
का उपयोग किया गया। यह ऑपरेशन काफी संवेदनशील था क्योंकि यह ट्यूमर मस्तिष्क के चौथे
वेंट्रिकल में स्थित था, जो कि मस्तिष्क के एक महत्वपूर्ण हिस्से के पास होता है।
सर्जरी के बाद की स्थिति:
सर्जरी सफलतापूर्वक आयुष्मान योजना द्वारा संपन्न होने के बाद, मरीज को गहन देखभाल में
रखा गया। पोस्ट-ऑपरेटिव सीटी स्कैन से पुष्टि हुई कि ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया
गया है। मरीज ने रिकवरी में अच्छा प्रदर्शन दिखाया और अब वह एक व्यक्ति के सहारे धीरे-धीरे
चलने में सक्षम हैं।
निष्कर्ष:
लिंक हॉस्पिटल, ग्वालियर
में की गई इस जटिल सर्जरी ने मरीज़ को एक नई ज़िंदगी दी है। 2 वर्षों से पीड़ित गंभीर
समस्याओं के बावजूद, सर्जरी के बाद मरीज का स्वास्थ्य तेजी से सुधार रहा है। इस केस
में न्यूरोसर्जरी की सफलता न केवल हॉस्पिटल की दक्षता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध
करती है कि सही समय पर निदान और उपचार कितने महत्वपूर्ण होते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
●
चौथे
वेंट्रिकल में स्थित ट्यूमर का निदान और सफलतापूर्वक ऑपरेशन एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया
थी, जिसे अनुभवी
डॉ प्रशांत राज सिंह जी के नेतृत्व में किया
गया और अत्याधुनिक उपकरणों की
आवश्यकता थी।
●
सर्जरी
के बाद मरीज़ के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है, और वह अब सामान्य जीवन की ओर लौटने
की राह पर हैं।
लिंक हॉस्पिटल, ग्वालियर में इस तरह की जटिल न्यूरोसर्जरी का सफल संचालन मरीज़ों के जीवन को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण योगदान है।